1857 की क्रांति: REVOLT OF 1857 ,

1857 की क्रांति: भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम – एक विस्तृत विश्लेषण भूमिका: जब आज़ादी की चिंगारी भड़की भारत का इतिहास अनेक संघर्षों, बलिदानों और क्रांतियों से भरा हुआ है, लेकिन 1857 की क्रांति को एक विशेष स्थान प्राप्त है। यह कोई साधारण विद्रोह नहीं था, बल्कि यह भारत की आज़ादी की पहली जोरदार दस्तक थी। इसे हम 'भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम' कहें या 'सिपाही विद्रोह', इसकी गूंज आज भी हमारे दिलों में जीवित है। यह क्रांति न केवल ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ़ एक बड़ी चुनौती थी, बल्कि भारतीयों के अंदर पल रही आज़ादी की चाह और अंग्रेज़ों के अत्याचारों के खिलाफ़ गुस्से का परिणाम थी। यह लेख 1857 की क्रांति के प्रत्येक पहलू को गहराई से समझने का प्रयास करेगा — इसके कारण, नेतृत्व, घटनाएं, असफलता, और इसका प्रभाव। --- 1. 1857 से पहले की भारत की सामाजिक-राजनीतिक स्थिति 1857 के पहले का भारत एक ऐसी अवस्था में था जहाँ अंग्रेज़ों ने धीरे-धीरे अपना शासन जमाया हुआ था। ईस्ट इंडिया कंपनी व्यापार के बहाने आई थी, लेकिन उसने देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर कब्जा जमा लिया था। सामाजि...