सविधान की निर्माण प्रक्रिया

  भारतीय संविधान के निर्माण प्रक्रिया

 संविधान की निर्माण प्रक्रिया एकदम सीधे और साफ शब्दों में


भारतीय संविधान निर्मित करने के लिए सविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 में किया गया। 

संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना के प्रावधानों के अनुसार अप्रत्यक्ष रूप से राज्य की विधानसभा के माध्यम से किया गया था।

 संविधान सभा के कुल 389 सदस्य थे जिनमें प्रांतों से 292 देशी रियासतों से 93 तथा कमिश्नरी क्षेत्रों से 4 सदस्य थे।


 प्रांतीय विधानसभा में प्रत्येक समुदाय के सदस्यों ने अपने प्रतिनिधियों का चुनाव एकल संक्रनणीय पद्धते से आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अन्तर्गत किया। 


भारत-पाकिस्तान के विभाजन के परिणामस्वरूप 31 अक्टूबर, 1947 तक संविधान सभा के सदस्यों की संख्या घटकर 299 हो गई।

 सविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को हुई थी। 

संविधान सभा की प्रथम बैठक के अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा बने।

 11 दिसम्बर, 1946 को संविधन सभा का स्थायी अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को बनाया। 

संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार के पद पर बी.एन. राव को नियुक्त किया।

 13 दिसम्बर, 1946 को पं. जवाहर लाल नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया। 

22 जनवरी, 1947 को संविधान सभा के माध्यम से उद्देश्य प्रस्ताव पारित कर दिया गया। 

'प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त, 1947 को डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में किया गया। प्रारूप समिति में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के अतिरिक्त एन. गोपाल स्वामी आयंगर, अल्लादी कृष्ण स्वामी अय्यर, के.एम. मुंशी, मोहम्मद सादुल्ला, डी.पी.खेतान तथा बी.एल गित्तर भी सम्मिलित थे।

1948 में डी पी खेतान के देहावसान हो जाने पर टी.टी. कृष्णामचारी तथा बी एल. मित्तर के स्थान पर एन. माधव राव को प्रारूप समिति में शामिल किया गया। 

सविधान सभा की अंतिम वाचन की बैठक 14 नवम्बर, 1949 से 26 नवम्बर, 1949 तक चली। 

26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद तथा दूसरे सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर कर इसे पारित किया। 

भारतीय संविधान के निर्माण में कुल 2 वर्ष 11 माह, 18 दिन लगे। 

भारतीय संविधान के कुछ विशिष्ट प्रावधानों यथा नागरिकता, निर्वाचन तथा अतरिम संसद से सम्बन्धित, स्थायी एवं संक्रमणकारी उपबंधो अनुच्छेद 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324 366, 372, 380, 388, 391, 392, 393 आदि को 26 नवम्बर, 1949 से लागू कर दिया गया।

 सम्पूर्ण संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। यह तिथि प्रतिवर्ष 'गणतंत्र दिवस के रूप में मनायी जाती है। 26 जनवरी, 1950 के दिन आगामी संसद के चुनाव तक संविधान सभा को ही 'भारतीय संसद के रूप मे मान्यता दी गई तथा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को प्रथम राष्ट्रपति घोषित किया गया। 

संविधान निर्माण में प.जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, राजेन्द्र प्रसाद, आचार्य जे. बी. कृपलानी, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, बी. आर. अम्बेडकर तथा टी. कृष्णामाचारी की विशेष भूमिका रही। 

मूल संविधान में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ थी । वर्तमान संविधान में अनुच्छेद 395 (उपभाग सहित कुल 444) और 12 अनुसूचियाँ हैं।

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